hindisamay head


अ+ अ-

कविता

विमानपत्तनम्

अनामिका


मेरी इन
कोल्हापुरी चप्पलों का
अकड़ा हुआ
कीचड़
एयरपोर्ट के इस
महाचकाचक फर्श पर
वैसे ही टिमक रहा है
           जैसे पग्गड़
           किसान का
           दकमता है
           कृषि-भवन के
           पोस्टर पर।
'परिचारिका' में परी
दीर्घ इकार भूलकर
हो जाती है
क्योंकर छोटी इ ?


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में अनामिका की रचनाएँ